सिरोही.
जावाल के कृष्णावती नदी में लंबे समय से नियमों को ताक में हो रहे खनन के विरोध में दूसरे दिन भी धरना जारी रहा। कृष्णवती नदी में मशीनरी से भारी मात्रा में हो रहे बजरी खनन को रोकने के लिए जावाल नगर समेत क्षेत्र के गांवों में ग्रामीण विरोध स्वरूप अपने प्रतिष्ठान बंद रखकर जावाल के श्री साचियाव माता मंदिर परिसर में एकत्रित हो गए और धरना दिया।
जावाल समेत क्षेत्र के गांवों में संपूर्ण बंद रहा। इसकी सूचना मिलते ही पुलिस एवं प्रशासन के आला अधिकारी यहां पहुंचे। जावाल के राजीव सेवा केंद्र परिसर में धरनार्थियों की मांग को लेकर प्रतिनिधिमंडल व आला अधिकारियों, बजरी ठेकेदार के करीब डेढ़ घंटे तक चली बातचीत में आपसी सहमति नहीं बनने पर प्रतिनिधिमंडल वहां से रवाना हो गया। इस धरना प्रदर्शन में जावाल समेत क्षेत्र के अन्य गांवों के लोग भी धरने में शामिल हो गए, जिनमें जावाल, जामोतरा, भूतगांव, मनोरा, सतापुरा, वराडा, देलदर, मंडवारिया , बरलूट, उड़ , मंडवाड़ा, पाडिव समेत करीब 15 गांव शामिल हैं। धरनार्थियों द्वारा मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखकर ठेकेदार के प्रतिनिधि द्वारा अवैध बिना नंबर की गाड़ियां व हथियारबंद गाड़ियों को जब्त करने, बड़ी-बड़ी मशीनों द्वारा किए जा रहे खनन पर रोक लगाने, जिम्मेदार खनन अधिकारियों एवं पुलिस विभाग के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर रोष जताते हुए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करवाने की मांग की गई। इसके साथ ही स्थानीय क्षेत्र के लोगों की रॉयल्टी की सीमा तय करने, तहसील क्षेत्र में खनिज पट्टाधारक द्वारा जो वाहन अधिकृत किए जाते हैं, वो वाहन उपयोग में लेने के लिए पाबंद करवाने तथा कृष्णावती नदी में तय नियमों से अधिक खनन की जांच कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने की मांग की गई। धरना दे रहे ग्रामीणों का कहना है कि निर्धारित मानदंडों के विपरीत लगातार किए जा रहे खनन के कारण कृष्णावती नदी का अस्तित्व खतरे में पड़ता जा रहा है। इससे भविष्य में कई प्रकार की परेशानियां उत्पन्न होंगी।
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