दौसा.
दौसा जिले के महवा के रहने वाले दीपक के पिता चांदू लाल मीणा ने बताया कि 9 जुलाई को पहली बार दिल्ली मुखर्जी नगर में UPSC मेंस की तैयारी के लिए कोचिंग में एडमिशन लिया था। दिल्ली जाने से पहले दीपक अपने पिता को कह कर गया था कि अब यूपीएससी पास करने के बाद ही आऊंगा और अपनी मां को उसने कहा था कि सोने की गद्दी पर बिठाऊंगा तू चिंता मत करना।
यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली गया दीपक अपने माता-पिता को निश्चिंत रहने के लिए कह कर गया था, लेकिन किसे पता था कि उसके यह शब्द उसके परिवार वालों को हमेशा के लिए चिंता में डाल जाएंगे। मृतक दीपक मीणा दौसा जिले के महवा के बड़ीन कमालपुर गांव का रहने वाला था और ऑनलाइन कोचिंग करके यूपीएससी प्री पास की थी। दीपक के पिता चांदूराम मीणा का कहना है कि 1 सितंबर को वो अपने बेटे से मिलने दिल्ली गए थे। हर दिन कम से कम सुबह वो मोबाइल पर अपने बेटे से बात करते थे। 10 सितंबर को आखिरी बार बात हुई थी, फिर मोबाइल फोन ही नहीं उठा तो दीपक के घर वाले चिंतित हो गए और फोन नहीं उठा तो उसके पिता दिल्ली पहुंचे। जहां उन्होंने दीपक को कोचिंग सहित कई जगहों पर तलाश किया, लेकिन दीपक की कोई खबर नहीं मिली।
उधर दीपक के पिता ने 14 सितंबर को मुखर्जी नगर थाने में गुमशुदगी दर्ज करवाई । इसके बाद 20 सितंबर को दीपक का शव मिला। इस पर दीपक के पिता ने कहा कि दीपक के साथ धोखा हुआ है, मैंने उसकी डेड बॉडी को देखा है, उसकी फांसी लगने वाली रस्सी पुरानी थी। दीपक के पिता का कहना है कि यदि दीपक को फांसी लगानी होती तो नई रस्सी बाजार से खरीद के लाता।
इधर उसके पिता ने आगे यह आप भी लगाया कि दीपक ने जो शर्ट पहन रखी थी, उसके अलावा एक शर्ट और फांसी लगाने के समय उसके कंधे पर मिली है, जो फटी हुई हालत में थी और जहां फांसी लगाई थी। वहां उसके पैर जमीन में टिके हुए थे। दीपक के पिता का आरोप तो यह भी है कि दीपक घर से जाते वक्त दो बेडशीट लेकर गया था जो उसके कमरे पर मौजूद थी, जबकि फांसी लगाने के समय उसके पास मिले बैग में एक बेडशीट अलग थी। वह उन लोगों की नहीं थी। अब दीपक के परिजन निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं।
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