मुंबई
अंतर्वस्त्र पर बात करना जहां भारत में शर्म की बात मानी जाती है वहां इसको बेचने के बारे में किसी लड़की की सोच को सच में सलाम करने की जरूरत है। ये कहानी है जिवामे की फाउंडर और सीईओ रिचा कर की। इस वेंचर को शुरू करने में उन्हें बहुत सी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। शुरुआत में तो उन्हें अपने घर से ही विरोध झेलना पड़ा। उनकी मां ने बेटी का ये कहकर विरोध किया कि मैं अपनी सहेलियों को कैसे बताउंगी कि मेरी बेटी ब्रा-पैंटी बेचती है। रिचा बताती हैं कि उनके पिता को तो समझ ही नहीं आया कि वो कौन सा काम करना चाहती हैं।
दुनिया में बहुत से ऐसे काम हैं, जिसे लोगों को करने में शर्म आती है. जिस कारण वे कई बार अच्छे मौके से चुक जाते हैं. लेकिन रिचा कार नाम की एक लड़की ने ऐसा ही कुछ करके 1300 करोड़ का बिजनेस एंपायर खड़ा कर दिया, जिसे अंबानी की कंपनी ने कुछ साल पहले ही खरीद लिया. ये बिजनेस इनरवीयर का था. इनरवीयर को खरीदने में ज्यादातर महिलाओं को शर्म आती है और पुरुष दुकानदार हो तो ये कठिनाई और बढ़ जाती है.
रिचा कार ने महिलाओं और लड़कियों की इसी समस्या को समझा और एक बड़ा बिजनेस स्टैबलिश कर दिया. लड़की होने के नाते वे खुद भी महसूस करती थीं कि दुकान से इनरवीयर खरीदना कितना मुश्किल भरा काम होता है? फिर क्या था, उन्होंने एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बनाया और उस कंपनी का नाम जिवामे (Zivame) रखा. रिचा के लिए ये बिजनेस शुरू करना आसान नहीं था.
परिवार का विरोध… दोस्तों ने भी बनाया मजाक
रिचा को इसके लिए परिवार में कई तरह का विरोध झेलना पड़ा. जब उन्होंने अपने परिवार और दोस्तों के बीच में इस बिजनेस के बारे में बताया तो परिवार के लोगों ने इसका विरोध किया और ऐसा करने से मना किया. वहीं दोस्तों ने भी इनरवीयर बिजनेस को लेकर मजाक बनाया. लेकिन रिचा फिर भी हार नहीं मानी और ठान लिया कि कैसे भी करके ये बिजनेस तो करना ही है, जिसके लिए उन्होंने अपनी एक अच्छी नौकरी भी छोड़ दी.
मां बोली – कैसे बताऊंगी बेटी क्या करती है?
उनकी मां ने भी इस बिजनेस का विरोध करते हुए कहा कि मैं अपनी सहेलियों को कैसे बताऊंगी कि बेटी ब्रा-पैंटी का बिजनेस करती है. लेकिन रिचा जब नहीं मानी तो मां ने भी इनका साथ दिया. रिचा ने इस बिजनसे के लिए अपनी अच्छी खासी नौकरी तक छोड़ दी.
रिचा कर का जन्म जमेशदपुर के एक मिडिल क्लास फैमिली में 1980 में हुआ था. रिचा ने बिट्स पिलानी से अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की है. ग्रेजुएशन करने के बाद वे बेंगलुरु की एक कंपनी में नौकरी करने लगीं. इसी दौरान उन्हें इस समस्या के बारे में पता चला और लॉन्जरी बिजनेस शुरू कर दिया.
उधार लेकर बिजनेस शुरू किया
रिचा के पास पैसे नहीं थे, जिस कारण उन्होंने दोस्तों और परिवार वालों की मदद ली और फिर बिजनेस की नींव रखी. अपनी सारी सेविंग भी इस बिजनेस में लगा डाली. फिर ऐसा प्लेटफॉर्म बनाया, जिससे महिलाएं घर बैठे-बैठे बिना किसी शर्म के लॉन्जरी खरीद सकती थीं. 35 लाख रुपये की मदद से उन्होंने इस बिजनेस को और आगे बढ़ाया. उन्होंने साल 2011 में Zivame नाम से लॉन्जरी का बिजनेस शुरू किया था.
खड़ा कर दिया 1300 करोड़ रुपये का बिजनेस
शुरुआत में रिचा का ये बिजनेस कुछ खास नहीं चला, लेकिन जैसे-जैसे समय गुजरा इस बिजनेस ने रफ्तार पकड़ लिया. Zivame का ये बिजनेस रिलायंस के तहत संचलित है, जिसे 2020 में रिलायंस रिटेल ने खरीदा था. आज महिलाओं के लिए इस प्लेटफॉर्म पर 5 हजार से ज्यादा लॉन्जरी स्टाइल, 50 से ज्यादा ब्रांडस और 100 से भी ज्यादा साइज में अंडरगारमेंट्स हैं. इतना ही नहीं, ये प्लेटफॉर्म ट्राई एट होम और फिटिंग कंसल्टेंट भी मुहैया करवाता है. अपने बेहतरीन काम की वजह से ही 2014 में रिचा का नाम Fortune India की “Under 40” लिस्ट में आया था.
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