न्यूयॉर्क
भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के विदेश मंत्रियों ने पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) और अन्य आतंकी समूहों और उनके मददगारों सहित संयुक्त राष्ट्र द्वारा सूचीबद्ध सभी आतंकवादियों और आतंकी संस्थाओं के खिलाफ ठोस कार्रवाई पर जोर दिया। यह बैठक संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 79वें सत्र के दौरान हुई और इसमें विदेश मंत्री एस. जयशंकर, ब्राजील के उनके समकक्ष माउरो विएरा और दक्षिण अफ्रीका के रोनाल्ड लामोला ने भाग लिया।
तीन देशों के समूह आईबीएसए (भारत-ब्राजील-दक्षिण अफ्रीका) के ढांचे के तहत आयोजित बैठक में मंत्रियों ने आतंकवादियों की सीमा पार आवाजाही सहित आतंकवाद को रोकने और उसका मुकाबला करने की सभी देशों की जिम्मेदारी को याद दिलाया।
मंत्रियों ने आतंकवाद के सभी स्वरूपों की निंदा की तथा इस बात पर सहमति व्यक्त की कि यह एक वैश्विक संकट है, जिससे लड़ा जाना चाहिए तथा विश्व के प्रत्येक भाग में आतंकवादियों के सुरक्षित ठिकानों को समाप्त किया जाना चाहिए। मंत्रियों ने एक बयान में कहा, “उन्होंने इस बात पर पुनः जोर दिया कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई अंतरराष्ट्रीय कानून, विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून के प्रति पूर्ण सम्मान के साथ लड़ी जानी चाहिए।”
इसमें कहा गया है कि जयशंकर, विएरा और लामोला ने अल-कायदा, आईएसआईएस, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, अन्य छद्म समूहों और उनके मददगारों सहित संयुक्त राष्ट्र द्वारा सूचीबद्ध सभी आतंकवादियों और आतंकवादी संस्थाओं के खिलाफ “ठोस कार्रवाई” का आह्वान किया। इसमें कहा गया, “मंत्रियों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक संधि को शीघ्र पारित कराने के लिए साझा प्रयास का अपना संकल्प दोहराया।”
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