नई दिल्ली
चुनावी बॉन्ड मामले में सोमवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और अन्य के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर 22 अक्टूबर तक अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया है।
चुनावी बॉन्ड की आड़ में जबरन वसूली
इस मामले में सह-आरोपी कर्नाटक भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष नलिन कुमार कटील के खिलाफ दर्ज एफआईआर में आगे की जांच पर रोक लगा दी गई है। उनपर आरोप है कि उन्होंने चुनावी बॉन्ड की आड़ में जबरन वसूली की थी। इस मामले की अगली सुनवाई 22 अक्टूबर को होगी।
एफआईआर में किस-किसके नाम शामिल?
एक विशेष अदालत के आदेश के आधार पर सीतारमण, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के पदाधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। भाजपा कर्नाटक प्रमुख बी वाई विजयेंद्र, पार्टी नेता नलिन कुमार कटील का भी एफआईआर में नाम है। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कहा कि प्रतिवादी द्वारा आपत्ति दर्ज किए जाने तक, प्रथम दृष्टया भी जांच की अनुमति देना, कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा। इसलिए मैं अगली सुनवाई की तारीख तक मामले में आगे की जांच को रोकना उचित समझता हूं। इससे पहले शुक्रवार को बेंगलुरु की एक अदालत ने चुनावी बॉन्ड के माध्यम से कथित रूप से जबरन वसूली करने के लिए निर्मला सीतारमण और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था।
8000 करोड़ रुपये से अधिक का लाभ
बता दें कि जनाधिकार संघर्ष परिषद' (जेएसपी) के सह-अध्यक्ष आदर्श आर अय्यर ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि आरोपियों ने चुनावी बॉन्ड की आड़ में जबरन वसूली की और 8000 करोड़ रुपये से अधिक का लाभ उठाया।शिकायतकर्ता ने आगे आरोप लगाया कि केंद्रीय वित्त मंत्री ने ईडी अधिकारियों की गुप्त सहायता और समर्थन के माध्यम से राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर दूसरों के लाभ के लिए हजारों करोड़ रुपये की जबरन वसूली की।
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