केकड़ी.
केकड़ी जिले को हटाने की अटकलों पर नाराजगी के चलते जिला बार एसोसिएशन के बैनर तले रविवार को लगातार दूसरे दिन भी केकड़ी शहर बंद रहा। केकड़ी जिले को यथावत रखने की मांग को लेकर किए गए इस बंद को शहरवासियों का व्यापक समर्थन मिला। सुबह से ही सदर बाजार सहित अन्य इलाकों में बंद का व्यापक असर स्पष्ट रूप से देखा गया। इससे पहले शनिवार को भी बंद के चलते सभी बाजार, प्रतिष्ठान और निजी शैक्षणिक संस्थान पूरी तरह से बंद रहे थे।
इस बंद को दो दर्जन से अधिक संगठनों ने समर्थन दिया है। वकीलों के विभिन्न दलों ने शनिवार सुबह से ही शहर के विभिन्न बाजारों और अन्य इलाकों में घूम-घूम कर रैलियां निकाली, हालांकि अधिकांश व्यापारियों ने स्वेच्छा से अपने प्रतिष्ठान बंद रखे। इसके चलते शहर की सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा और दुकानों पर ताले लटके रहे। वहीं, एसडीएम कार्यालय के बाहर वकीलों द्वारा दिया जा रहा धरना प्रदर्शन भी जारी रहा। शनिवार को बार एसोसिएशन की ओर से पूर्ण न्यायिक कार्य का बहिष्कार किया गया। वकीलों ने शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का भी बहिष्कार किया। जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रामअवतार मीणा ने धरना स्थल पर कहा कि जिले को लेकर सरकार की चुप्पी से लोगों में खासी नाराजगी है। सरकार के उदासीन रवैये को देखते हुए लगातार दूसरे दिन रविवार को भी केकड़ी बंद रखा गया। सरकार ने जल्दी ही जिले के मुद्दे पर अपना रूख स्पष्ट नहीं किया तो आंदोलन को और अधिक उग्र किया जाएगा। जिसकी समस्त जिम्मेदारी सरकार की होगी। इस मौके पर बड़ी संख्या में जिला बार एसासेसिएशन के अधिवक्तागण मौजूद रहे।
सद्बुद्धि यज्ञ सोमवार को
केकड़ी जिला बार एसोसिएशन के बैनर तले सोमवार को ग्यारह बजे यहां सदर बाजार स्थित घण्टाघर पर राज्य सरकार के लिए सद्बुद्धि यज्ञ का आयोजन किया। बार के अध्यक्ष रामवतार मीणा ने कहा कि सद्भुद्धि यज्ञ में बार के पदाधिकारियों सहित केकड़ी जिले के लोगों द्वारा हवन में आहुतियां दी। मीणा ने कहा कि बार एसोसिएशन के द्वारा न्यायिक कार्य का बहिष्कार लगातार जारी रहेगा।
धरना चौथे दिन भी जारी
इसी प्रकार जिला बचाओ समिति के संयोजक राम अवतार सिखवाल के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट के बाहर चल रहा धरना प्रदर्शन चौथे दिन भी जारी रहा। धरने में विभिन्न संगठनों के लोगों ने शामिल होकर अपना समर्थन दिया। सिखवाल ने बताया कि धरने पर आ रहे लोगों में सरकार के रवैये से नाराजगी है। जिला बनाने के बाद हटाने का निर्णय सरकार के लिए आत्मघाती हो सकता है। सरकार को चाहिए कि लोगों का भ्रम जल्दी से जल्दी दूर करे, वरना जनता में नाराजगी बढ़ती ही जाएगी। जिला बचाओ अभियान के धरने में संयोजक रामवतार सिखवाल, अध्यक्ष रणजीत सिंह केशावत, नंदलाल गुर्जर, भागचंद जाट, पूरणमल झारोटीया, सज्जन सिंह राठौड़, खुशी सोनी, लक्ष्मी नायक, सत्यनारायण जाट, रामप्रसाद उपाध्याय, अब्दुल सलीम गौरी, महावीर रेगर द्वारका प्रसाद चंदेल, रघुवीर सिंह, प्रभुराम मीणा, दुर्गेश मेवाड़ा, मोहनलाल बाथरा, नारायण बांबी, सूरज करण कुमावत, संदीप शर्मा, राजेंद्र दाधीच, आसाराम गुर्जर, राम अवतार साहू, शरीफ मोहम्मद, महेंद्र शर्मा सहित सैकड़ो लोगों ने भाग लिया।
भाजपा नेता के बयान से फैला असंतोष
गौरतलब है कि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ द्वारा केकड़ी और सांचौर सहित छोटे जिलों को हटाने के बयान के बाद से ही लोगों में आक्रोश व्याप्त है। हाल ही में केकड़ी एसपी के स्थानांतरण और यहां का अतिरिक्त चार्ज अजमेर एसपी को सौंपने के सरकार के फैसलों ने इस असंतोष को और बढ़ा दिया है। वहीं शनिवार को पुलिस मुख्यालय द्वारा शाहपुरा व गंगापुर सिटी में पुलिस अधीक्षक कार्यालय के लिए आवंटित वाहनों को वापस मंगा लेने से भी सरकार की मंशा जाहिर हो रही है।
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