सनातन धर्म में नवरात्रि को बहुत ही खास माना जाता है. पूरे साल में चार नवरात्रि आती हैं जिसमें चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि सबसे खास मानी जाती हैं. नवरात्रि के 9 दिन मां दुर्गा को समर्पित होते हैं. नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की उपासना की जाती है, जिसे नवदुर्गा के नाम से जाना जाता है. नवरात्रि का दसवां दिन विजयादशमी या दशहरा के रूप में मनाया जाता है.
पूरे भारत में शारदीय नवरात्रि बड़ी ही धूमधाम से मनाई जाती है. नवरात्रि के इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नाम की झांकियां भी निकाली जाती हैं. नवरात्रि के पहले दिन कलशस्थापना की जाती है जिसे घटस्थापना भी कहा जाता है. इस बार शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से लेकर 12 अक्टूबर तक रहेंगे. नवरात्रि के आखिरी 3 दिन बहुत ही खास होते हैं जिसमें दुर्गा सप्तमी, दुर्गा अष्टमी और दुर्गा नवमी हैं.
शारदीय नवरात्रि की तिथि और शुभ मुहूर्त (Shardiya Navratri 2024 Tithi)
इस साल शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर, गुरुवार से शुरू हो रही है. हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास की प्रतिपदा तिथि 3 अक्टूबर, मंगलवार की अर्धरात्रि 12 बजकर 18 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 4 अक्टूबर को रात 2 बजकर 58 मिनट पर होगा.
कलशस्थापना का मुहूर्त (Shardiya Navratri 2024 Kalash sthapna Muhurat)
पंचांग के अनुसार, 3 अक्टूबर को घटस्थापना का मुहूर्त सुबह 6 बजकर 15 मिनट से लेकर 7 बजकर 22 मिनट तक होगा. घटस्थापना के लिए कुल 1 घंटा 06 मिनट का समय मिलेगा. इसके अलावा, घटस्थापना अभिजीत मुहूर्त में भी किया जा सकता है. अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 46 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक रहेगा, जिसके लिए 47 मिनट का समय मिलेगा.
शारदीय नवरात्रि तिथियां (Shardiya Navratri Tithiyan)
3 अक्टूबर 2024, गुरुवार | मां शैलपुत्री (पहला दिन) प्रतिपदा तिथि |
4 अक्टूबर 2024, शुक्रवार | मां ब्रह्मचारिणी (दूसरा दिन) द्वितीया तिथि |
5 अक्टूबर 2024, शनिवार | मां चंद्रघंटा (तीसरा दिन) तृतीया तिथि |
6 अक्टूबर 2024, रविवार | मां कुष्मांडा (चौथा दिन) चतुर्थी तिथि |
7 अक्टूबर 2024, सोमवार | मां स्कंदमाता (पांचवा दिन) पंचमी तिथि |
8 अक्टूबर 2024, मंगलवार | मां कात्यायनी (छठा दिन) षष्ठी तिथि |
9 अक्टूबर 2024, बुधवार | मां कालरात्रि (सातवां दिन) सप्तमी तिथि |
10 अक्टूबर 2024, गुरुवार | मां महागौरी (आठवां दिन) दुर्गा अष्टमी |
11 अक्टूबर 2024, शुक्रवार | महानवमी, (नौवां दिन) शरद नवरात्र व्रत पारण |
12 अक्टूबर 2024, शनिवार | मां दुर्गा प्रतिमा विसर्जन, दशमी तिथि (दशहरा) |
मां दुर्गा की सवारी क्या रहेगी?
इस बार मां दुर्गा डोली पर सवार होकर आएंगी. ज्योतिष के अनुसार, मां दुर्गा का डोली पर सवार होना अशुभ संकेत दे रहा है. यह प्राकृतिक आपदा, महामारी और देश में अस्थिरता का संकेत भी है.
शारदीय नवरात्रि पूजन विधि (Shardiya Navratri Pujan Vidhi)
नवरात्रि के पहले दिन व्रती द्वारा व्रत का संकल्प लिया जाता है. इस दिन लोग अपने सामर्थ्य अनुसार 2, 3 या पूरे 9 दिन का उपवास रखने का संकल्प लेते हैं. संकल्प लेने के बाद मिट्टी की वेदी में जौ बोया जाता है और इस वेदी को कलश पर स्थापित किया जाता है. हिन्दू धर्म में किसी भी मांगलिक काम से पहले भगवान गणेश की पूजा का विधान बताया गया है और कलश को भगवान गणेश का रूप माना जाता है इसलिए इस परंपरा का निर्वाह किया जाता है. कलश को गंगाजल से साफ की गई जगह पर रख दें.
इसके बाद देवी-देवताओं का आवाहन करें. कलश में सात तरह के अनाज, कुछ सिक्के और मिट्टी भी रखकर कलश को पांच तरह के पत्तों से सजा लें. इस कलश पर कुल देवी की तस्वीर स्थापित करें. दुर्गा सप्तशती का पाठ करें इस दौरान अखंड ज्योति अवश्य प्रज्वलित करें. अंत में देवी मां की आरती करें और प्रसाद को सभी लोगों में बाट दें.
More News
उल्टीन चाल चल रहे शनि 15 नवंबर तक देंगे भयंकर कष्टज, ये 5 राशि वाले कर लें बचाव के उपाय
साल 2025 में शनिदेव होंगे मार्गी और शश राजयोग से इन राशि वालों को कर देंगे मालामाल
शारदीय नवरात्रि में दुर्गाष्टमी कब ? डेट, कन्या पूजन और संधि पूजा का मुहूर्त जानें